कहते हैं समय अपने को दोहराता है
आज फिर यह यक्ष प्रश्न आ खड़ा हुआ है।
पुरानी कहावत थी
जामता दशमों ग्रह
वह कहावत बनी थी क्योंकि हम नवग्रहों की पूजा करते हैं
ग्रहों की विपरीत दशा से बचने के लिए उन्हे फल फूल चढ़ाते हैं
चूंकि जामाता को भी अक्सर धन फल पुष्प चढ़ना पढ़ता था ताकि बिटिया खुश रहे।
इसलिए नाम दिया था जामाता दशमों गृह
आज यह कहावत पुन: सही लग रही है।
इस दशम ग्रह की दशा सभी नवग्रहों की शुभता पर भारी पड़ रही हैं।
पता नहीं यह दशा परिवार पर कितने कष्ट ढाएगी
इसलिए पुन: कहना पड़ रहा है
जामाता नम:
जामता दशमों ग्रह